शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनावों के लिए विक्रमादित्य सिंह और कंगना रनौत एक-दूसरे पर हमलावार हैं. आए दिन दोनों की ओर से तीखी बयानबाजी की जा रही है. परंतु लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ किया हुआ एक बयान भाजपा प्रत्याक्षी कंगना रनौत को महंगी पड़ गया है. हाल ही में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कंगना ने विक्रमादित्य सिंह के लिए असभ्य शब्दों का प्रयोग किया था. जिसमें कंगना ने लोक निर्माण मंत्री को हिमाचल का छोटा पप्पू कहा था.
कांग्रेस ने कंगना के इस बयान पर कड़ी आपत्ती जताई थी और विक्रमादित्य सिंह के समर्थकों में भी भारी नाराजगी थी. जिसके बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग को इसकी शिकायत की थी. जिस पर अब मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मंडी सहित कुल्लू के डीसी से 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट भेजने के निर्देश जारी किए हैं.
गौरतलब है कि मंडी सांसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने अभिनेत्री कंगना रनौत को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस कारण से मंडी लोकसभा सीट पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां की हर सियासी घटनाक्रम पर देश भर के लोगों की नजरे टिकी हुई हैं. यहां भाजपा और कांग्रेस द्वारा एक- दूसरे पर दिया जाने वाला बयान सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहा है.
कंगना रनौत ने पैतृक गृह क्षेत्र भांबला में चुनावी प्रचार के दौरान भी धार्मिक और भाषा के आधार पर लोगों से वोट देने की अपील की थी. इस पर भी प्रदेश कांग्रेस को-ऑर्डिनेटर वरिष्ठ अधिवक्ता केके वर्मा ने चुनाव आयोग से शिकायत की है. इसमें साक्ष्य के तौर पर शिकायत के साथ भाषण का वीडियो पेश किया गया था, जिसमें कहा था कि कंगना रनौत की ऐसे भड़काऊ भाषण से हिमाचल प्रदेश के लोगों की भी छवि खराब हुई है.
चुनाव आयोग से की गई शिकायत में कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याक्षी कंगना रनौत के खिलाफ कानूनी करवाई की मांग की है. वरिष्ठ अधिवक्ता केके वर्मा, जो कि हिमाचल प्रदेश राज्य आरटीआई सैल में संयोजक हैं उनका आरोप है कि वह प्रदेश में निम्न स्तर की राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. उन्हेंने कि यहा आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. उनका कहना है कि चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार पर व्यक्तिगत हमले से दूर रहने की एडवाइजरी जारी की है. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को मुद्दों पर आधारित बयान बाजी करने की सलाह दी है. ताकि चुनाव प्रचार के दौरान आपसी भाईचारा बना रहे.