सोलन: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री व उनके नेता कांग्रेस सरकार से त्यागपत्र देने वाले अपने विधायकों के बारे में अनर्गल टिप्पणियां कर रहे हैं. उन्हें भेड़ें तो कभी मेंढक कहा जा रहा है. कांग्रेस सरकार बार-बार भारतीय जनता पार्टी को दोषी ठहरा कर आरोप लगा रही कि पैसे देकर उन्हें खरीदा गया है. कांग्रेस सरकार कहती है कि जयराम ठाकुर को सत्ता की भूख है.
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बुधवार को यहां पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में जो राजनीतिक घटनाक्रम घटित हुआ है उसके पश्चात प्रदेश की कांग्रेस सरकार की स्थिति बहुत हास्यास्पद बनी हुई है. प्रदेश में सरकार बनने के बाद कांग्रेस सरकार बोलती रही कि व्यवस्था परिवर्तन की सरकार, सुख की सरकार लेकिन हकीकत यह है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है. जनता की नजरों से भी यह सरकार गिर चुकी है और बहुमत की दृष्टि से भी सरकार गिर चुकी है. पूरे प्रदेश की जनता मानती है कि वर्तमान में कांग्रेस की सरकार सत्ता में होते हुए भी नैतिक अधिकार खो चुकी है.
जयराम ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने झूठी गारंटी दी. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पहले ही मंडी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव न लड़ने का ऐलान किया गया था. कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने एक बार नहीं कई बार अपनी बात कही लेकिन इसके बावजूद उनकी बातें ना ही मानी गई ना सुनी गई. आखिरकार परिस्थितियां ऐसी बनी कि राज्यसभा की वोटिंग में कांग्रेस की हार हुई.
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार बौखलाहट में बहुत कुछ बोल रही है. प्रदेश में 15 महीने की सरकार में ही चले हुए संस्थान बंद कर दिए गए. हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने 5 साल में 19 हजार 6 सौ करोड़ रूपये ऋण लिया परन्तु कांग्रेस सरकार ने 15 महीने में 18 हजार करोड़ रूपये का ऋण ले लिया है. भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं टूट गई है. हिमाचल प्रदेश से सभी इन्डस्ट्रीयल सेक्टर छोड़ कर भाग रहें है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान जो हालात हैं इस लोकसभा के चुनाव की दृष्टि से हम 2014 में चारों सीटें जीते थे. 2019 का हिमाचल प्रदेश का एक रिकॉर्ड है, जो आज से पहले कभी नहीं हुआ. 68 सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी. पूरे देश भर में वोट शेयर के साथ अगर नंबर वन पर कोई स्टेट रहा तो हिमाचल रहा चारों सीटें जीतीं.
प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायकों पर बोलते हुए कहा कि प्रदेश के 3 निर्दलीय विधायकों के ऊपर इस कदर दबाव डाला गया कि उनके परिवार वालों के ऊपर मामले दर्ज करने शुरू कर दिए गए और आखिरकार तीनों ने बैठकर के निर्णय किया की हम दबाव में नहीं आएँगे. हम निर्दलीय विधायक की हैसियत से विधानसभा के अंदर जाएंगे.
उन्होंने कहा कि अगर छह उपचुनाव के साथ अगर तीन उपचुनाव भी साथ हो जाते हैं तो नौ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होंते और इस उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीतती है. इससे कांग्रेस की सरकार सत्ता से बाहर हो जाएगी. इस बार इस चुनाव के साथ दो सरकारें बनेंगी. एक दिल्ली की और एक हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार बनेगी.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार