शिमला: हिमाचल प्रदेश में तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे पर सियासत गरमा गई है. स्पीकर द्वारा निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे मंजूर के न करने पर सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं.
सुक्खू सरकार में बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह ने जगत नेगी ने कहा है कि तीन निर्दलीय विधायकों पर भाजपा का डर व भारी दबाव है. उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायकों ने स्वेच्छा से त्यागपत्र नहीं दिया है. विधानसभा अध्यक्ष इसकी पूरी जांच कर रहे हैं और इसके बाद ही इस पर कोई निर्णय होगा.
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में बुधवार को पत्रकार वार्ता में जगत सिंह नेगी ने कहा कि बालूगंज थाने में दर्ज एफआईआर की जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा ने धनबल व प्रलोभन पर प्रदेश सरकार को अस्थिर करने के लिये कोशिश की है.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के छह विधायकों व तीन निर्दलीय विधायको पर करोड़ों खर्च किये गए. उन्हें हैलीकॉप्टर में लाया ले जाया गया. एक महीने से अधिक समय तक इन्हें बंधक बना कर रखा गया जो पूरी तरह अपराध बनता है.
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल व अन्य भाजपा नेताओं ने 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के पोलिंग एजेंट के साथ बदसलूकी करते हुए इस चुनाव में व्यवधान डाला. विधानसभा परिसर के गेट को तोड़ने की कोशिश की गई. इस सबकी शिकायत कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की है पर आयोग ने अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नही की है.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने प्रदेश पर उप चुनाव थोप कर विकास की गति को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि कबायली क्षेत्रों में जहां भारी बर्फबारी की बजह से विकास कार्यो के निर्माण को बहुत कम समय मिलता है वहां यह कार्य पूरी तरह रुक गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ साथ पार्टी से गद्दारी करने वाले किसी भी नेता को प्रदेश के लोग कभी माफ नही करेंगे.
जगत नेगी ने कहा कि भाजपा का दोहरा चरित्र अब प्रदेश के लोगों के सामने पूरी तरह आ गया है. उन्होंने कहा कि विधानसभा के अंदर कांग्रेस की गारंटियों को जारी करने को लेकर होहल्ला करने वाली भाजपा ने महिलाओं को 1500 रुपए की गारंटी जारी करने पर रोक लगाकर उनका महिला विरोधी चेहरा सामने आ गया है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार