शिमला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक चंद्रशेखर ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राजेंद्र राणा की भाजपा में एंट्री धूमल परिवार को नीचा दिखाने के लिए करवाई है. उन्होंने सोमवार को एक बयान में कहा कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राणा ने कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा और भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद से उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को हराया. चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का बहुमत होने के बावजूद धूमल मुख्यमंत्री पद हासिल करने से चूक गए. ‘एक्सिडेंटल चीफ़ मिनिस्टर’ जयराम ठाकुर पद संभालने के बाद एक बार भी प्रेम कुमार धूमल से मिलने उनके घर नहीं गए, लेकिन अब उप-चुनाव से पहले जयराम ठाकुर को धूमल परिवार की याद आई है.
चंद्रशेखर ने कहा कि हमीरपुर जिला की जनता अभी भी पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में धूमल और उनके परिवार के साथ हुए दुर्व्यवहार को भूली नहीं है. मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए जयराम ठाकुर ने प्रेम कुमार धूमल के कोई काम नहीं किए और राजेंद्र राणा के कामों को ही प्राथमिकता पर किया. यही नहीं, राजेंद्र राणा की भाजपा में एंट्री धूमल परिवार के विरोध के बावजूद हुई. उन्होंने कहा कि राजेंद्र राणा और धूमल परिवार के संबंध जनता के सामने हैं, लेकिन इसके बावजूद जयराम ठाकुर ने धूमल परिवार के स्वाभिमान को ठेस पहुँचाई और उनका अपमान किया है.
चंद्रशेखर ने कहा कि पिछले छह वर्षों में जयराम ठाकुर एक बार भी पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का हाल जानने के लिए उनके घर नहीं गए. अब जबकि उनके विरोधी राजेंद्र राणा भाजपा में शामिल हुए हैं, तो जयराम ठाकुर का धूमल प्रेम अचानक से जाग गया है. प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि राजेंद्र राणा ने भाजपा छोड़ने के बाद पिछले 11 वर्षों में प्रेम कुमार धूमल का कदम-कदम पर अपमान किया. राणा यूँ तो धूमल को अपना राजनीतिक गुरु कहते हैं लेकिन यह भी सत्य है कि शिष्य ही गुरू की जड़ें काटने में लगा रहा.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार