धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में ‘बृहतर हिमाचल प्रदेश का सांस्कृतिक इतिहास’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन 29 से 30 मार्च को राजकीय महाविद्यालय, धर्मशाला के सभागार में आयोजित किया जा रहा है. इस सम्मलेन में सम्पूर्ण भारत से 100 से भी अधिक इतिहास मर्मज्ञों/विद्वानों, पुरातत्त्वविद हिस्सा लेंगे. दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन के मुख्य अतिथि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल होंगे.
उदघाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल करेंगे. अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा तथा राष्ट्रीय संगठन मंत्री डा. बालमुकुन्द पांडे का उदबोधन आकर्षण का केंद्र रहेगा. राष्ट्रीय सम्मलेन के सभी तकनीकी सत्र ‘वंडर वर्ड होटल’ में आयोजित किये जायेंगे, जिसमें हिमाचल प्रदेश के प्रागैतिहासिक काल, आद्य-इतिहास, मौर्य काल, हिमाचल की मुद्रायें/अभिलेख, कला एवं वास्तुकला, धार्मिक परम्पराएं, भक्ति आन्दोलन, सामाजिक-आर्थिक इतिहास, जनजातीय इतिहास, गुमनाम नेपथ्य नायक, सैन्य इतिहास और विरासत आदि विषयों पर गहन मंथन होगा.
केन्द्रीय विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में इस प्रकार का यह प्रथम सम्मलेन होगा जिसमें एम.ए. के विद्यार्थी, पीएचडी शोधार्थी, प्राध्यापक तथा कुलपति एक साथ ऐतिहासिक विषयों पर मंत्रणा करेंगे तथा शोधार्थियों को वरिष्ठ प्राध्यापकों के साथ शोध की बारिकियों को जानने-समझने का अवसर मिलेगा. सम्मलेन के संयोजक डॉ. जगदीश प्रसाद ने बताया कि डॉ. बालमुकुन्द पांडे, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, हेमन्त धिंग मजूमदार, महासचिव, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली प्रो. बैद्यनाथ लाभ, कुलपति, सांची बौद्ध-इंडिक अध्ययन विश्वविद्यालय प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल, भूतपूर्व कुलपति, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा तथा डॉ. ओम उपाध्याय, निदेशक, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली आदि गणमान्य विद्वान् इस सम्मलेन के मुख्य केंद्र रहेंगे.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार