शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों के भाजपा में शामिल होने के सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश संगठन में अहम नियुक्तियां की हैं. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आदेश पर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संजय अवस्थी और चंद्रशेखर को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का पत्र जारी किया है.
सोलन जिला के अर्की से दूसरी बार के विधायक संजय अवस्थी वर्तमान सुक्खू सरकार में मुख्य संसदीय सचिव हैं. वहीं चंद्रशेखर मंडी जिला से कांग्रेस के एकमात्र विधायक हैं. वह धर्मपुर हल्के से पहली बार विधायक बने हैं.
अहम बात है कि हाईकमान ने इन नियुक्तियों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पसंद को तरजीह दी है. दोनों विधायक मुख्यमंत्री के बेहद करीबियों में शामिल हैं. कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए संजय अवस्थी और चंद्रशेखर को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट दिलाने में मुख्यमंत्री सुक्खु का अहम रोल रहा था. सुक्खू जब प्रदेश कांग्रेस के मुखिया थे, तब संजय अवस्थी और चंद्रशेखर को पहली बार कांग्रेस का टिकट मिला था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और मुख्यमंत्री सुक्खू के बीच चल रही सियासी तनातनी के बीच इन नियुक्तियों को बेहद अहम माना जा रहा है.
प्रतिभा सिंह को हाईकमान का झटका, सुक्खू का बढ़ाया सियासी कद
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी संगठन में सुक्खू के करीबियों को जगह देने से आलाकमान ने सरकार व संगठन में सामंजस्य बिठाने की कोशिश की है. इन नियुक्तियों के बहाने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने प्रतिभा सिंह को झटका दिया है, वहीं मुख्यमंत्री सुक्खू के सियासी कद को बढ़ाया है. प्रतिभा सिंह हॉट सीट मंडी से निवर्तमान लोकसभा सांसद हैं. इस सीट पर भाजपा ने सेलिब्रिटी कंगना रनौत को उतारा है. प्रतिभा सिंह ने पिछले दिनों मीडिया में बयान देते हुए लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार किया था. उन्होंने सुक्खू पर निशाना साधते हुए कांग्रेस संगठन की अनदेखी का भी आरोप लगाया था.
हालांकि कांग्रेस आलाकमान कई मर्तबा सुक्खू और प्रतिभा को लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होकर चलने की हिदायत देती रही है. बुधवार को चंडीगढ़ में आयोजित हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक के दौरान प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि पार्टी एकजुट होकर लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी तथा कांग्रेस को जीत हासिल होगी.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस आलाकमान ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में तीन कार्यकारी अध्यक्ष तैनात किये थे. राजेन्द्र राणा, पवन काजल और हर्ष महाजन को यह जिम्मेदारी सौंपी थी. दिलचस्प बात यह है कि ये तीनों भाजपा में शामिल हो चुके हैं. पवन काजल और हर्ष महाजन विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए थे. वर्तमान में पवन काजल भाजपा के विधायक हैं, तो हर्ष महाजन हाल ही में भाजपा से राज्यसभा सांसद के तौर पर निर्वाचित हुए हैं.
कांग्रेस के विधायक रहे राजेन्द्र राणा ने पांच दिन पहले भाजपा का दामन थामा है. हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट मंत्री चन्द्र कुमार और विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार भी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार