ऊना: ऊना नगर के संथापक व गुरु नानक देव जी के वंशज बाबा साहिब सिंह बेदी के जन्म उत्सव के उपलक्ष्य में बुधवार (27 मार्च) को उनके वंशज बाबा सरबजोत सिंह बेदी व साध संगत द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया व पांच प्यारों की अगुवाई में नगर कीर्तन का आयोजन किया गया.
भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने नगर कीर्तन में शिरकत कर ऊना नगर के संस्थापक बाबा साहिब सिंह को श्रद्धा सुमन भेंट किए. इस अवसर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी को सुंदर रूप में फूलों से सजाया गया था और संगत साथ में शब्द कीर्तन करती हुए चल रही थी. नगर कीर्तन में गतका जत्था द्वारा पुरातन युद्ध के तौर-तरीकों का सुंदर रूप में प्रदर्शन किया गया.
नगर कीर्तन को लेकर संगत में भारी उत्साह देखने को मिला. बोले सो निहाल सत श्रीअकाल के जयकारे लगाती संगत द्वारा नगर की परिक्रमा की गई. नगर कीर्तन किला बाबा साहिब सिंह बेदी से प्रारंभ होकर रेड लाइट चौक पुराना बस स्टैंड, आईएसबीटी, रोटरी चौक में बाजार होता हुआ वापस किला बाबा साहिब सिंह बेदी में संपन्न हुआ. किला बेदी साहिब में पुष्प वर्षा से नगर कीर्तन का स्वागत किया गया व पांच प्यारों को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया. नगर कीर्तन के दौरान विभिन्न स्थानों पर लंगरों का आयोजन किया गया व प्रशाद बांटे गए.
नगर कीर्तन का महत्व बताते हुए बाबा सरबजोत सिंह बेदी ने बताया कि नगर के संस्थापक बाबा साहिब जब भी नगर को छोड़ कर लंबे समय के लिए जाते थे तो सुरक्षा कवच के रूप में नगर की परिकर्मा करते थे. उसी याद को ताजा करने के लिए नगर कीर्तन के रूप में परिक्रमा की जाती है. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से अब तक नगर को बचाए रखा है और आगे भी बाबा जी की कृपा बनी रहे. इसके लिए हम सबको अरदास करनी चाहिए.
नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष व गुरु नानक देव के वंशज बाबा अमरजोत सिंह बेदी द्वारा नगर कीर्तन के बाद किसी प्रकार की गंदगी न फैले. इसके लिए विशेष टीम का गठन किया गया और साथ साथ ही सफाई की जाती रही.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार