धर्मशाला: लोकसभा चुनाव के दौरान सरकारी शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में चुनावी रैलियां करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जिला निर्वाचन अधिकारी उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों के अलावा अन्य स्थानों पर भी चुनावी रैलियों के लिए अनुमति लेना जरूरी है ताकि कानून तथा व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जा सकें.
उन्होंने कहा कि चुनावी रैलियों की विडियोग्राफी करने का प्रावधान भी किया गया है ताकि चुनावी रैली पर होने वाले खर्च का अनुमान भी लगाया जा सके. उन्होंने कहा कि रैलियों के लिए टेंट, कुर्सियां, ध्वनि यंत्रों इत्यादि की दरें भी निर्धारित की गई हैं उसके आधार पर ही राजनीतिक दलों तथा प्रत्याशी को रैलियों का खर्चा दर्शाना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी के लिए व्यय सीमा 95 लाख निर्धारित की गई है इससे अधिक व्यय नहीं किया जा सकता है. इस बाबत व्यय पर निगरानी रखने के लिए व्यय निगरानी समिति भी गठित की गई है इसके साथ ही चुनाव आयोग की तरफ पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे ताकि निष्पक्ष तथा स्वतंत्र चुनाव संपन्न करवाए जा सकें.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों, रेलवे स्टेशन, पोस्ट आफिस, एयरपोर्ट, पुलों, सरकारी बसों, सरकारी भवनों, विद्युत तथा दूरसंचार विभाग के खंभों, शहरी निकायों के भवनों पर राजनीतिक पार्टियां के दीवार लेखन, पोस्टर, बैनर और अन्य प्रचार सामग्री लगाने की पूर्ण पाबंदी है.
उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों में नोमिनेशन से दस दिन पहले तक नाम शामिल किए जा सकते हैं इस के लिए जिला भर में मतदाता जागरूकता अभियान भी आरंभ किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा पात्र मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल किया जा सके.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार