शिमला: हिमाचल प्रदेश की छह विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ ही उपचुनाव होगा. यह उपचुनाव उन सीटों पर होगा, जहां के निर्वाचिक विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य ठहराया गया है. इन सीटों पर सातवें चरण में एक जून को मतदान होगा. वहीं चार जून को मतगणना होगी. जिन छह सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें बड़सर, कुटलैहड़, सुजानपुर, धर्मशाला, लाहौल-स्पीति और गगरेट सीटें शामिल हैं.
हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बीते 29 फरवरी को कांग्रेस के छह विधायकों बड़सर से इंद्रदत लखनपाल, कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर और गगरेट से चैतन्य शर्मा को अयोग्य ठहरा दिया था. ऐसे में ये सीटें रिक्त हो गई हैं. नियमों के तहत रिक्त सीट पर छह माह के भीतर चुनाव करवाना अनिवार्य रहता है.
केंद्रीय चुनाव आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की खाली विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ सातवें चरण में होगा. रोचक बात यह है कि हिमाचल प्रदेश की छह खाली सीटों पर 14 माह के भीतर उपचुनाव होने जा रहे हैं. इन सीटों के निर्वाचित कांग्रेस विधायकों ने हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करके सूबे की सियासत में भूचाल ला दिया है.
बता दें कि हिमाचल में राज्यसभा चुनाव 27 फरवरी को हुआ था. उस दौरान कांग्रेस के छह विधायकों की क्रॉस वोटिंग और तीन निर्दलीय विधायकों की वजह से यह सीट भाजपा के खाते में चली गई. भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी को पराजित किया. दरअसल क्रास वोटिंग के बाद भी दोनों दलों के उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले थे, जिसके बाद पर्ची के जरिए विजेता उम्मीदवार का फैसला हुआ था.
राज्यसभा चुनाव के अगले दिन हिमाचल विधानसभा में बजट पारित होने के दौरान कांग्रेस के उक्त छह विधायक नदारद रहे. इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य ठहराने के आदेश जारी किए हैं. इस निर्णय के खिलाफ कांग्रेस के बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है. सुप्रीम कोर्ट में इनकी याचिका पर सुनवाई 18 मार्च को होगी. कांग्रेस के इन बागी विधायकों के निष्कासन की वजह से हिमाचल विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 68 से घटकर 62 रह गई है. 62 सदस्यीय विधानसभा में सताधारी कांग्रेस के 34 और भाजपा के 25 विधायक हैं. जबकि तीन विधायक निर्दलीय हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार