धर्मशाला: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेशल मॉनिटर बाल कृष्ण गोयल ने शुक्रवार (15 मार्च) को कांगड़ा जिला के बालिका आश्रम गरली का दौरा कर वहाँ बच्चियों को दी जा रही सभी सुविधाओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम का अध्ययन कर उसके तहत कार्य करने के निर्देश दिये.
उन्होंने कहा कि संस्थान में बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों से कोई समझौता नहीं होना चाहिए. उन्होंने आश्रम में रहने वाली बच्चियों से भी विस्तृत चर्चा कर उनको मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्रित की तथा उनके सुझावों को सुना. गोयल ने बालिका आश्रम में कमरों, रसोई घर, शोचालयों सहित प्रत्येक हिस्से का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
उन्होंने कहा कि बच्चियों के समग्र विकास के लिए उनके पोषण और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाये. उन्होंने कर्मचारियों को आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार बालिका आश्रम में सभी आवश्यक रिकॉर्ड बनाए रखने के भी निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि बच्चों की निरंतर काउंसलिंग के दौरान उनसे ज़रूरी स्वाल पूछने, उनके सुझावों को सुनने और एक सकारात्मक निष्कर्ष में पंहुचने के प्रयास करने चाहिए.
बच्चियों की बनायी जायें समितियां, स्वयं करें संस्थान का संचालन
बालकृष्णन गोयल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि संस्थान के सुगम संचालन के लिए बच्चों की पांच प्रकार की समितयां बनायी जायें. उन्होंने कहा कि संस्थान में डिसिप्लिन कमेटी, फ़ूड कमेटी, एजुकेशन कमेटी, स्पोर्ट्स कमेटी और स्किल डेवलपमेंट कमेटी का निर्माण किया जाये. उन्होंने कहा कि इन समितियों के माध्यम से बच्चियों को सशक्त बनाया जाये, जिससे वे स्वयं संस्थान का संचालन करेंगे.
विभिन्न संस्थानों का करेंगे निरीक्षण
उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी या गैर सरकारी संस्था में मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कांगड़ा प्रवास के दौरान उनका मुख्य औचित्य बच्चों के शैक्षणिक संस्थान, बाल गृह, जिला अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी सहित कारागार का निरीक्षण करना है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार