शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि बहुमत खोने से मुख्यमंत्री विचलित हैं और बौखला गयें हैं. उनकी राजनीतिक नाकामी और अपने ही पार्टी के लोगों के साथ भेदभाव करने के कारण प्रदेश की यह स्थिति हुई है. आम आदमी से लेकर, कांग्रेस के नेता, पदाधिकारी, विधायक मंत्री सब सुक्खू सरकार की कारगुजारियों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री अपने दरबारी राजनीतिक सिपाहियों से घिरे रहते थे और विधायकों को अपमानित करते विरोध की हर आवाज को अनसुना कर रहे थे.
जयराम ठाकुर ने बुधवार (13 मार्च) को एक बयान में कहा कि आज विधायक खुलेआम कह रहे है कि उनका छोटा से छोटा काम नहीं हो रहा था. उनकी फ़रियादें उनके सामने ही डस्टबिन में डाल दी जाती थी. मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का होता है. इसलिए उसे अपने राजनीतिक विद्वेष से ऊपर उठकर काम करना चाहिए था.
जयराम ने प्रदेश के अधिकारियों से आग्रह किया कि वह भी लक्ष्मण रेखा न लांघे. कानून के दायरे में अपना काम करें. इस सरकार के भविष्य के साथ अपना भविष्य न जोड़ें.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है पर वर्तमान कांग्रेस सरकार के राज में हिटलर भूमि बन गया है. पूरे प्रदेश में बदले की भावना के साथ कार्य हो रहा है. जब यह राजनीतिक परिस्थितियां मुख्यमंत्री की नाकामी और उनके तानाशाही रवैये के कारण हुई है तो राजनीतिक दबाव के चलते विधायकों और उनके परिवार के साथ ज़्यादती क्यों हो रही हैं? उन्हें प्रताड़ित क्यों किया जा रहा है? कांग्रेस के 6 विधायकों के घर के बाहर दीवार लगा दी जाती है. उनसे जुड़े नगर निगम के पार्षदों को निष्कासित कर दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि विधायकों के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जाता है. कांग्रेस के छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं को खंड स्तर पर भी सुक्खू का प्रकोप झेलना पड़ रहा है. विधायकों के खिलाफ सरकार द्वारा सुनियोजित तरीके से प्रदर्शन प्रायोजित करवाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि वह क्या साबित करना चाहते हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार