मंडी: अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव-2024 के दौरान राजदेवता माधोराय की दूसरी जलेब मंगलवार को निकाली गई. जिसमें प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने शिरकत की. इससे पूर्व उन्होंने शिरात्रि मेला कमेटी की ओर से भेंट की गई पगड़ी पहन कर राजदेवता माधोराय के मंदिर में पूजा-अर्चना की रस्म निभाई. तत्पश्चात मेला के मु यअतिथि के रूप में राजदेवता माधोराय की दूसरी जलेब में शामिल हुए.
कर्नल धनीराम शांडिल जलेब में शामिल होने के निर्धारित समय दोपहर दो बजे के बजाय करीब एक घंटा देरी से तीन बजे उपायुक्त कार्यालय में पहुंचे तब तक जलेब पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी. मगर मु यअतिथि के इंतजार में जलेब में शामिल लोक कलाकार जिला पुस्तकालय के बाहर सड़क पर नाचते गाते रहे. उनके पीछे पुलिस के घोड़े, जलेब की अगुआई करने वाले देवता छांजणूं -छमाहूं के रथ भी देवलुओं के संग बाहर सड़क पर पहुंच गए. लोककलाकारों के दल कुछ देर बाद नाचते हुए आगे बढ़ गए. जबकि कुछ देवता पीपल के पेड़ के पास फिर वापस मुड़ गए. जिसके चलते जलेब में अव्यवस्था का आलम देखने को मिला.
माधोराय की जलेब में सबसे आगे लोक कलाकार, पुलिस के घुड़ सवार पुलिस और होमगार्ड बैंड, पुलिस के जवान, होमगार्ड के अलावा जलेब में बालीचौकी क्षेत्र के देवता छांजणू-झमाहूं की जोड़ी ढोल नगाड़ों की लय पर झूमे. इसके बाद देव कोटलू नारायण, देव सरोली मार्कंडेय, देव शैटी नाग, देवी डाहर की अंबिका, देव विष्णू मतलोड़ा, देव मगरू महादेव, देव चपलांदू नाग, श्रीदेव बायला नारायण, देव बिटठु नारायण, देव लक्ष्मी नारायण पखरोल, चौहारघाटी के देव हुरंग नारायण, देव घड़ौनी नारायण, देव पशाकोट नारायण, देव पेखरू का गहरी, देव चुंजवाला शिव, देव तुंगासी ब्र हा, देवी सरस्वती महामाया, देवी नाऊ अंबिका के बाद राज माधव की चांदी की कुर्सी और उसके पीछे राजदेवता की पालकी चल रही थी जबकि राजदेवता माधोराय की पालकी के पीछे देव शुकदेव डगाहंढु, देव शुकदेव मड़घयाल, देव जलौणी गणपति, देव शेषनाग टेपर, देव झाथीवीर और देव टूंडीवीर शामिल रहे.
मंडी शिवरात्रि मेले की दूसरी जलेब में पहली जलेब की तरह भीड़ नहीं थी . लेकिन मु यअतिथि के देरी से पहुचने के कारण जलेब टुकड़ों में बंट गई. जलेब के आगे चल रहे लोक कलाकार और कुछ देवता नए पुुल तक पहुंच गए . जबकि दूसरे देवता और मु यअतिथि उपायुक्त कार्यालय परिसर से बाहर ही नहीं निकले थे.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार