धर्मशाला: मुख्यमंत्री और अंसतुष्ट विधायकों के बीच चल रही जुबानी जंग लगातार जारी है. एक तरफ मुख्यमंत्री हर कार्यक्रम में जनता के समक्ष इन विधायकों पर हमला बोल रहे हैं. वहीं अब दूसरी ओर इन असंतुष्ट विधायकों ने भी मुख्यमंत्री को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. सोमवार को एक बार फिर छह असंतुष्ट नेताओं सहित तीन निर्दलीय विधायकों ने संयुक्त बयान जारी करके मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तीखा पलटवार किया है.
इन नेताओं राजेंद्र राणा , सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो चैतन्य शर्मा, होशियार सिंह, आशीष शर्मा और के.एल. ठाकुर ने कहा है कि वेंटिलेटर पर हांफ रही सरकार को विधायकों और उनके परिजनों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर कोई ऑक्सीजन मिलने वाली नहीं है क्योंकि प्रदेश की जनता भी यह भली भांति समझ गई है कि विधायकों पर समझौते का दबाव बनाने के लिए इस तरह के हथकंडों का मुख्यमंत्री सहारा ले रहे हैं जो लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है. इन नेताओं ने झूठे मुकदमे दर्ज करने को ”खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे” की संज्ञा भी दी है.
इन नेताओं ने कहा है कि पहले मुख्यमंत्री अपनी तानाशाही अंदरखाते चला रहे थे और अब उनका तानाशाही चेहरा जनता के सामने उजागर हो गया है. चेहरे से मुखौटा उतरने के बाद उनकी बौखलाहट भी बढ़ गई है. बिना ठोस सबूत के विधायकों और उनके रिश्तेदारों के घर छापेमारी करके मुख्यमंत्री आखिर क्या साबित करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि स्वाभिमान की इस लड़ाई में सभी नौ नेता अपने कदम पीछे खींचने वाले नहीं हैं और इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि झूठे मुकदमे सिर्फ विधायकों के खिलाफ ही दर्ज नहीं किया जा रहे बल्कि जिन इलाकों से वे चुनकर आए हैं, वहां की जनता के खिलाफ भी सरकार अपना दमन चक्र चला कर उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है, जिसका जनता माकूल जवाब देगी.
इन नेताओं ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री गद्दार की संज्ञा दे रहे हैं लेकिन प्रदेश की जनता यह भलीभांति जान गई है कि झूठी घोषणाएं करके जनता को धोखा देने वाला असली गुनाहगार कौन है. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जनता से किए वायदे पूरे न करके पूरे प्रदेश की जनता को धोखा दिया है. इन नेताओं ने कहा कि हम सबने अपने चुनावी क्षेत्र के विकास और प्रदेश के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी है और उल्टा हमें दोष दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा लोगों ने हमें जलील होता देखने के लिए विधायक नहीं चुना था और प्रदेश में सरकार बनने के बाद से उनके विधानसभा क्षेत्रों के साथ सौतेला व्यवहार भी किया जा रहा था और उन्हें जलील भी किया जा रहा था.
इन नेताओं ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री प्रदेश में सरकार बनने के पहले दिन से ही हर मंच पर आर्थिक स्थिति का रोना रो रहे हैं और दूसरी तरफ अल्पमत में चल रही अपनी सरकार में 18 से 60 साल आयु वर्ग की 22 लाख महिलाओं में से पांच लाख महिलाओं को 1500 देने की झूठी घोषणा करके जनता को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार