शिमला: हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर भाजपा ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं. पिछले 10 वर्ष से हिमाचल भाजपा का मजबूत गढ़ बन कर उभरा है. वर्ष 2014 और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां की सभी चार सीटों पर कमल खिला था. हालांकि तीन साल पहले मंडी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया था.
अब राज्य के सियासी समीकरण बदल चुके हैं. राज्य में कांग्रेस की सरकार सत्तारूढ़ है और ऐसे में लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए चारों सीटों पर जीत हासिल करना आसान नहीं होगा. राज्य की चारों सीटों पर भाजपा कोई भी ऐसा दांव नहीं लगाना चाहती, जिससे कि कोई भी सीट पर हार हो जाए, क्योंकि मोदी सरकार जिस 400 के पार के आंकड़े का दावा कर रही है, उसमें हिमाचल प्रदेश की ये चार सीटें बहुत अहम हैं.
जानकारी के अनुसार, पार्टी हिमाचल में उन मौजूदा सांसदों को दोबारा टिकट देने से बचेगी, जिनके खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी बन गई है. माना जा रहा है दो लोकसभा सीटों पर भाजपा नए चेहरे उतार सकती है.
हमीरपुर से सांसद व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का टिकट तय माना जा रहा है, जबकि कांगड़ा, मंडी और शिमला लोकसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों को बदल सकती है. कांगड़ा से किशन कपूर और शिमला से सुरेश कश्यप वर्तमान सांसद हैं. भाजपा इन सीटों पर नए उम्मीदवार उतारने पर मंथन कर रही है. मंडी में हुए लोकसभा उपचुनाव में भाजपा ने ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर पर दांव खेला था, लेकिन वो सीट निकालने में विफल रहे थे. इस बार भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मंडी से उम्मीदवार बना सकती है.
हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह की अध्यक्षता में शिमला में हुई प्रदेश भाजपा की बैठक में सभी चार सीटों पर सम्भावित उम्मीदवारों पर चर्चा हुई है. कांगड़ा सीट से नए चेहरों के तौर पर त्रिलोक कपूर, पूर्व मंत्री राकेश पठानिया, विशाल नेहरिया, शिमला सीट से शशि बाला, रीना कश्यप, कुसुम सदरेट और पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप, मंडी सीट से जयराम ठाकुर, बिहारी लाल और पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर के नाम हाईकमान को भेजे गए हैं. 15 मार्च तक हिमाचल की चारों सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार घोषित कर सकती है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार