इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च की रात्रि कै पड़ रही है जिसका इंतजार हर शिवभक्त को लंबे समय से होता है. इस शुभ दिन का कई मायनों में धार्मिक और पौराणिक महत्व है. बता दें इस बार सूर्योदय के समय श्रवण नक्षत्र रहेगा. शुभ मुहूर्त सायं 9 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ होकर 9 मार्च शनिवार 6 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. प्रदोष काल में मुहूर्त पूजा शाम का समय 6 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस महावृत पूजा को सदैव प्रदोष, निशीथ काल में करना चाहिए. आज के दिन भगवान शिव की पूजा चार प्रहर करने का विशेष फल होता है.
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री ने बताया कि इस बार पूजा का प्रथम प्रहरः सायं 6 बजकर 18 मिनट से रात्रि 9 बजकर 28 मिनट तक. द्वितीय प्रहर 9 बजकर 29 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 34 मिनट तक. तृतीय प्रहर 12 बजकर 40 मिनट से प्रातः से 3 बजकर 50 मिनट तक व चतुर्थ प्रहर 3 बजकर 51 मिनट से प्रातः 7 बजकर 10 मिनट तक ब्रहम महुर्त 9 मार्च सुबह तक.
नीशिथ काल मध्यम रात्रि इतने बजे तक रहेगा
उन्होंने बताया कि शुक्रवार, शनिवार को पड़ने वाली इस महाशिवरात्रि का अत्यधिक ज्योतिषीय महत्व है. इस पर्व पर चन्द्र और शनि कुंभ राशि, मंगल मकर की उच्च राशि में होंगे. बुध मीन व सूर्य कुंभ राशि में होंगे. गुरु ग्रह मेष राशि मंे गोचर कर रहे हैं. शुक्र ग्रह शनि की कुंभ राशि में होंगे. ग्रहों की पुनरावृत्ति होने के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. महाशिवरात्रि व्रत का पारण 9 मार्च को होगा.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार