शिमला: हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के बागी व अयोग्य करार दिए गए विधायक सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा की कांग्रेस के महत्वपूर्ण पदों से छुट्टी हो गई है. कांग्रेस हाईकमान द्वारा जहां सुधीर शर्मा को एआईसीसी सचिव पद से हटा दिया गया है. वहीं राजेन्द्र राणा ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष पद छोड़ दिया है. उन्होंने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा पार्टी हाईकमान को प्रेषित किया है.
सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा लंबे समय से कांग्रेस में उक्त ओहदों पर तैनात थे. सुधीर शर्मा को वर्ष 2018 में एआईसीसी सचिव लगाया गया था. इसी तरह राजेन्द्र राणा वर्ष 2022 में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे. राजेन्द्र राणा तब सुर्खियों में आये, जब उन्होंने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सुजानपुर से भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को हराया था.
धूमल के करीबी रहे हैं राजेन्द्र राणा
राणा कभी धूमल के हनुमान कहे जाते थे. उनका राजनीति में पदार्पण भी धूमल के कारण ही हुआ. साल 2007 में सत्तासीन होने पर धूमल ने ही राजेंद्र राणा को हिमाचल प्रदेश मीडिया बोर्ड का वाइस चेयरमैन बनाया, लेकिन कुछ समय के बाद ही राजेंद्र राणा को यह पद छोड़ना पड़ा. इससे पहले साल 2012 में उन्होंने सुजानपुर विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. उस समय उनके सामने भाजपा की सीपीएस रहीं उर्मिल ठाकुर और कांग्रेस की सीपीएस रही अनीता वर्मा चुनाव मैदान में सामने थीं, लेकिन उन्होंने दोनों को धूल चटाते हुए 14166 मतों से विजय हासिल की थी.
साल 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी और उस समय राजेन्द्र राणा कांग्रेस के एसोसिएट विधायक बने थे. इस बीच साल 2014 में लोकसभा के चुनाव हुए. कांग्रेस ने हमीरपुर से जीत की हैट्रिक लगा चुके सांसद अनुराग ठाकुर के खिलाफ चुनाव मैदान में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी राणा को उतारा. उस समय राणा को विधायक पद छोड़ना पड़ा. कांग्रेस ने राजेन्द्र राणा की पत्नी अनीता राणा को सुजानपुर सीट से उपचुनाव में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी उतारा. लोकसभा चुनावों के दौरान देश में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर चल रही थी, उस वक्त कांग्रेस की अनीता राणा भाजपा के नरेंद्र ठाकुर से महज साढ़े पांच सौ मतों से चुनाव हार गईं. हार के बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने राजेंद्र राणा को प्रदेश आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष पद से नवाजा था.
राजेन्द्र राणा समेत छह कांग्रेसी विधायकों ने की थी क्रॉस वोटिंग
बता दें कि बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में राजेंद्र राणा समेत कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. इसके अगले दिन बजट पारण व कटौती प्रस्ताव के दौरान वे सदन से गैरहाजिर रहे थे. पार्टी द्वारा जारी किये गए व्हिप का उल्लंघन करने पर सत्ताधारी कांग्रेस दल ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष इनकी सदस्यता रद्द करने की याचिका दायर की. इस पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य ठहराते हुए इनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी. कांग्रेस के इन छह बागियों के अलावा तीन निर्दलीय विधायकों ने भी राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था. ये सभी नौ नेता पिछले एक हफ्ते से हरियाणा के पंचकूला के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार